प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक का मामला गरमाने के बाद गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पंजाब पुलिस को पहले से प्रदर्शनकारियों के बारे में खुफिया जानकारी मिल गई थी लेकिन इसके बावजूद उन्होंने ‘ब्लू बुक’ के नियमों का पालन नहीं किया और न ही दूसरे रूट की तैयारी ही की। बता दें कि स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप यानी एसपीजी की ब्लू बुक में प्रधानमंत्री की सुरक्षा संबंधी दिशानिर्देश होते हैं।
अधिकारी ने बताया, ‘ब्लू बुक के मुताबिक, ‘राज्य की पुलिस को किसी भी प्रतिकूल स्थिति, जैसा कि पंजाब में देखने को मिला, के समय एक आकस्मिक रूट की तैयारी पहले से कर के रखनी होती है।’ उन्होंने यह भी बताया कि इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारी लगातार पंजाब पुलिस के संपर्क में थे और उन्हें प्रदर्शनकारियों के बारे में जानकारी भी दी थी और पंजाब पुलिस ने उन्हें पूरी सुरक्षा देने का आश्वसान दिया था।
उन्होंने बताया कि एसपीजी जवान पीएम के चारों ओर घेरा बनाकर रहते हैं, लेकिन बाकी सारे ऐक्शन की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होती है। अचानक होने वाले बदलावों की स्थिति में, राज्य की पुलिस एसपीजी को अपडेट करती है और वीआईपी की गतिविधि उस हिसाब से बदल दी जाती है।
साल 2021 में पंजाब के अंदर पाकिस्तान से आने वाले करीब 150 ड्रोन देखे गए। कई ऐसे भी रहे जिन्हें देखा ही नहीं गया। इनमें से कई ड्रोन टिफिन बम, हथगोले, पिस्तौर और कैश से भरे थे। अब गृह मंत्रालय की टीम ने पंजाब पुलिस की ओर से प्रधानमंत्री के दौरे के समय उठाए गए सुरक्षा कदमों के बारे में जानकारी मांगी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुधवार पंजाब के फिरोजपुर में कई विकास परियोजनाओं की अधारशीला रखनी थी। इन परियोजनाओं की कीमत करीब 42 हजार 750 करोड़ रुपये के आसपास थी। गृह मंत्रालय ने बताया कि पीएम मोदी बुधवार सुबह बठिंडा पहुंचे, जहां से उन्हें हेलीकॉप्टर में हुसैनीवाला स्थित राष्ट्रीय शहीद स्मारक जाना था। हालांकि, बारिश की वजह से पीएम मोदी ने सड़क से जाने का फैसला लिया और मेमोरियल से करीब 30 किलोमीट दूर जब पीएम मोदी का काफिला फ्लाईओवर पर पहुंचा तो पता लगा कि वहां कुछ प्रदर्शनकारियों ने रास्ता रोक रखा है। पीएम मोदी फ्लाईओवर पर करीब 20 मिनट तक फंसे रहे। इसे पीएम मोदी की सुरक्षा में बड़ी चूक माना जा रहा है।