उपराष्ट्रपति चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के वोट नहीं देने के फैसले से मार्गरेट अल्वा ‘निराश’ हैं। वह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपना अच्छा दोस्त बताती हैं और उनके इस कदम पर हैरानी भी जाहिर कर रही हैं। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया कि बनर्जी उनका फोन भी नहीं उठा रही हैं। भारत के उपराष्ट्रपति के लिए शनिवार को मतदान होगा।
टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में अल्वा ने कहा कि उपराष्ट्रपति चुनाव विपक्षी दलों के लिए भी चुनौती हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं इस बात से सहमत हूं कि अगर और ज्यादा पार्टियां साझा उम्मीदवार का समर्थन करतीं, तो यह ज्यादा संतुष्टि देने वाला होता। लेकिन जो भी कारण हों, कुछ विपक्षी गुट में शामिल होने को लेकर संकोच कर रहे हैं।’
ममता बनर्जी को लेकर उन्होंने कहा, ‘वह यूथ कांग्रेस के दिनों से मेरी अच्छी दोस्त रही हैं। मैंने उनके लिए लड़ा है, समर्थन किया है और हर जंग में उनके साथ रही हूं… जब टीएमसी ने दूर रहने का फैसला किया, तो मैं हैरान और निराश थी। इस चुनाव में कोई व्हिप नहीं होता और यह एक गुप्त बैलेट होता है। अगर आप व्हिप जारी नहीं कर सकते, तो आप अपने सांसदों को वोट नहीं देने के लिए कैसे कह सकते हैं? यह एक नेगेटिव व्हिप जारी करने जैसा है।’
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उन्होंने टीएमसी के विचार बदलने की उम्मीद जताई है। साथ ही कहा है कि यह सभी विपक्षी दलों की तरफ से भारतीय जनता पार्टी को चुनौती देने का समय है।