लखनऊ में कोविड संक्रमित मरीज मिलने की सबसे बड़ी वजह ट्रेन से आने वाले यात्री बन रहे है। इस बात का खुलासा स्वास्थ्य विभाग की ओर से होने के बावजूद गैर राज्यों से ट्रेनों से आने वाले यात्रियों की शतप्रतिशत कोविड जांच हवा हवाई साबित हो रही हैं।आलम यह है कि रोजाना लखनऊ के विभिन्न चारबाग, लखनऊ जंक्शन, ऐशबाग, सिटी स्टेशन पर दिल्ली, मुंबई, पंजाब, अहमदाबाद व दक्षिण भारत की ट्रेनों से आने वाले चौबीस घंटे में तकरीबन 15 से 17 हजार यात्रियों की जांच में महज दस फीसदी यानी डेढ़ से दो हजार लोगों की ही कोविड जांच से गुजर रहे है। जिनकी जांच रिपोर्ट में 30 फीसदी संक्रमित मिल भी रहे है। बावजूद रेलवे और मेडिकल विभाग की खामियों के चलते गैर राज्यों से लखनऊ में ट्रेन से उतरने वाले यात्री बगैर कोविड जांच कराए शहर को संक्रमित कर रहे है।
यात्रियों की थर्मल स्कैनिंग भी नहीं
कोविड की दूसरी लहर में ट्रेन से आने वाले यात्रियों की लाइन लगाकर स्कैनिंग जांच होती रही। तीसरी लहर में ट्रेन से यात्रियों की भीड़ उतरती है और सीधे गेट के बहार चली जाती है। जिसे रोकने या थर्मल स्कैनिंग की कोई भी व्यवस्था नहीं है।
जांच टीम ने माना, यात्री फैला रहे संक्रमण
चारबाग रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक तैनात जांच टीम का कहना है कि यात्रियों का आरटीपीसीआर जांच तो हो रही है। पर रिपोर्ट 48 घंटे बाद आएगी। तब तक यात्री को यह नहीं पता होता है कि रिपोर्ट पॉजटिव है या निगेटिव। ऐसे में रिपोर्ट पॉजिटिव आने के पहले यात्री संक्रमण फैलाता रहता है।
भीड़ के आगे रेलवे की तैयारी नाकाफी
मुंबई से लखनऊ पहुंची पुष्पक ट्रेन से शुक्रवार को करीब 575 यात्री उतरे। इनमें से मात्र 47 यात्री ही कोविड जांच कराने पहुंचे। बाकी यात्री बगैर जांच चले गए या यू कहें की भीड़ के आगे रेलवे प्रशासन तैयारी नाकाफी साबित हो रही है।