पूर्व सांसद और माफिया अतीक अहमद की कारस्तानियां एक-एक कर बाहर आ रही हैं। पुलिस ने गुरुवार को उसकी 123 करोड़ की संपत्ति कुर्क की है। इस संपत्ति की कहानी उसकी दबंगई और रसूख का जीता जागता उदाहरण है। उसने पहले झूंसी के हवेलिया में करोड़ों की जमीन अपने पिता और चाचा के नाम पट्टा करा ली थी। इसके बाद फूलपुर तहसील से रिकॉर्ड भी गायब करा दिया था। पुलिस से बचने के लिए पिता की मौत के बाद भी अतीक ने यह जमीन अपने नाम दर्ज नहीं कराई। इस कारण पुलिस को इस प्रॉपर्टी के बारे में जानकारी नहीं हो पाई थी। अतीक की हनक के आगे राजस्व विभाग ने भी मौन धारण कर रखा था।
धूमनगंज इंस्पेक्टर राजेश मौर्या ने बताया कि अतीक का पुश्तैनी मकान चकिया में है। करीब 25 साल पहले अतीक की बिरादरी का ही शख्स हवेलिया का ग्राम प्रधान बना था। उसी वक्त अतीक ने अपनी दबंगई और सेटिंग से हवेलिया में करोड़ों की जमीन अपने पिता और चाचा के नाम पट्टा करा ली थी। कानूनन यह गलत है क्योंकि ग्राम सभा के बाहर के किसी व्यक्ति के नाम पट्टा नहीं हो सकता।
2007 में अतीक के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई शुरू हुई तो उसके नाम की संपत्तियां जब्त होने लगीं। ऐसे में अतीक ने इस जमीन को राजस्व विभाग के रिकार्ड में अपने पिता के नाम कराकर छोड़ दिया। कुछ साल पहले अतीक के पिता और चाचा दोनों का देहांत हो गया। इसके बाद भी अतीक ने पुलिस से बचने के लिए यह जमीन अपने नाम पर नहीं कराई।
अब सवाल यह है कि इस फर्जीवाड़े में शामिल लोगों पर क्या कार्रवाई होगी। बताया जा रहा है कि ऐसा करने वाला प्रधान अब इस दुनिया में नहीं है। एसपी सिटी संतोष मीना का कहना है कि फर्जीवाड़ा करने में कोई दोषी मिला तो उस पर जांच करके कार्रवाई की जाएगी।
अधिवक्ता ने कहा-अतीक ने हड़पी थी उसकी जमीन