गैंगस्टर के एक मामले में दारोगा द्वारा दी गई गवाही ने रामपुर के तत्कालीन एसपी शगुन गौतम को मुश्किल में डाल दिया है। गैंगस्टर कोर्ट ने रामपुर के तत्कालीन एसपी शगुन गौतम को नोटिस जारी करते हुए सात फरवरी तक अपना जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं। पूछा है कि किस आधार पर मुकदमा चलाने की अनुमति दी गई थी।
थाना गंज में 2021 में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मामले में गवाह दरोगा राज नारायण यादव ने कोर्ट में बयान देकर अफसरों की मुश्किलों को बढ़ा दिया है। उन्होंने अपने बयान में कहा कि गोकशी के एक मामला जो 2020 में दर्ज हुआ था, जिसमें न तो वह मुकदमे के वादी थे और न ही गवाह। दरोगा ने अपने बयान में यह भी कहा कि विवेचक ने मेरा कोई बयान नहीं लिया, जबकि तत्कालीन एसपी शगुन गौतम ने 31 जुलाई 2021 को मुकदमा चलाने की स्वीकृति दी थी।
एडीजे (गैंगस्टर एक्ट) कोर्ट-3 मोहम्मद रफी की कोर्ट ने तत्कालीन एसपी शगुन गौतम को नोटिस जारी किया है। इसमें कोर्ट ने एसपी से पूछा है कि किन परिस्थितियों में मुकदमा चलाने की अनुमति दी थी। कोर्ट ने यह भी कहा है कि इस मुकदमे के विवेचक इंस्पेक्टर दुर्गा सिंह और तत्कालीन सीओ के खिलाफ फर्जी साक्ष्य गढ़ने के आरोप में कार्रवाई शुरू किए जाने से पूर्व तत्कालीन एसपी अपनी रिपोर्ट सात फरवरी तक कोर्ट में पेश करें। आदेश की कॉपी प्रमुख सचिव गृह, डीजीपी, डीआईजी और एसपी को भी भेजी गई है।