- Advertisements -spot_img

Thursday, April 18, 2024
spot_img

आयुष कॉलेज घोटाला : आयुर्वेद निदेशालय के 6 कर्मचारियों और 4 कॉलेज प्रबन्धकों से पूछताछ

आयुष दाखिले में हुये फर्जीवाड़े के मामले में एसटीएफ ने निदेशालय और निजी कम्पनियों के छह कर्मचारियों से तीन घंटे तक पूछताछ की। साथ ही नोटिस पाने वाले चार कालेजों के प्रबन्धक भी एसटीएफ मुख्यालय शुक्रवार को पहुंचे थे। इन सभी से उनके यहां हुये दाखिले के दस्तावेज को लेकर सवाल जवाब किये गये। इन सभी से अब तक सामने आये बयानों की सच्चाई भी जानने की कोशिश की गई। दावा किया जा रहा है कि 22 लोगों के खिलाफ साक्ष्य मिले थे। इनमें निलम्बित निदेशक प्रो. एसएन सिंह व नोडल अधिकारी उमाकांत यादव समेत 12 लोग गिरफ्तार किये जा चुके हैं। 10 अन्य लोग जल्दी ही पकड़े जायेंगे। इनके खिलाफ मिले कुछ तथ्यों की पुष्टि की जा रही है। आयुष निदेशालय के तत्कालीन निदेशक एसएन सिंह ने इस मामले में अपट्रॉन, वी-3 साल्यूसंस कम्पनी के कर्मचारी, कुलदीप सिंह समेत दो दर्जन लोगों को आरोपित बनाया था। इसकी पड़ताल कर रही एसटीएफ ने गुरुवार को इस मामले में पहली कार्रवाई निलम्बित निदेशक समेत 12 लोगों को गिरफ्तार कर की। बहुत गुपचुप तरीके से इन्हें कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया। इससे पहले एसटीएफ की तीन टीमों ने इन सभी से अलग-अलग पूछताछ की थी। एसएन सिंह, उमाकांत यादव के बयान अन्य लोगों से मेल नहीं खाये। साथ ही काउंसलिंग के दौरान निजी एजेन्सियों की मनमर्जी चलने के लिये भी यही लोग दोषी मिले। पूछताछ में एसटीएफ को कई नये तथ्य मिले थे। 

छह कर्मचारियों से काउसंलिग डॉटा पर सवाल पूछे
एसटीएफ ने निदेशालय के छह कर्मचारियों से अलग-अलग पूछताछ की। इनसे सबसे पहले काउंसलिंग के डाटा के आधार पर सवाल किये गये। इनके जवाब भी विरोधाभास मिला। फिर फुटेज से जुड़े कुछ सवाल हुए। यह भी पूछा गया कि निदेशक से मिलने कौन-कौन आता था। क्या और किसी का दबाव पड़ा था फजी दाखिले के लिये…। मोबाइल की काल डिटेल दिखाने पर इनमें दो कर्मचारियों के चेहरे की हवाइयां उड़ गई। ये लोग एसटीएफ से कुछ लोगों से बात करने को लेकर साफ झूठ बोल रहे थे।

चार कालेज के प्रबन्धकों से पूछताछ
इस फर्जीवाड़े में सबसे ज्यादा धांधली निजी कालेजों के लिये की गई। यहां एडमिशन के लिये खूब बोली लगायी गई। तीन दिन पहले ही एसटीएफ ने आयुष दाखिला करने वाले करीब 90 कालेजों के प्रिंसिपल व प्रबन्धकों को नोटिस भेजा था। इनमें चार निजी कालेजों के प्रबन्धक शुक्रवार को एसटीएफ के अफसरों के सामने थे। इनसे लम्बी पूछताछ की गई। सबसे पहले जौनपुर के एक निजी कालेज के प्रबन्धक कृष्णा कुमार यादव से तीन दिन पहले पूछताछ की गई थी।

ये लोग गिरफ्तार हुये थे गुरुवार को
निलम्बित निदेशक एसएन सिंह, नोडल अधिकारी उमाकांत यादव, वित्त लिपिक राजेश सिंह, वी-थ्री सॉल्यूसंस का मुखिया कुलदीप,सौरभ आर्य, हर्षवर्धन तिवारी, कैलाश चन्द्र भास्कर, गौरव गुप्ता, रूपेश रंजन पाण्डे, इन्द्रदेव मिश्र, रूपेश श्रीवास्तव और प्रबोध कुमार सिंह
 

- Advertisements -spot_img
- Advertisements -spot_img

- Advertisements -spot_img

- Advertisements -spot_img
- Advertisements -spot_img

Related Articles

- Advertisements -spot_img
- Advertisements -spot_img

Stay Connected

563FansLike
0FollowersFollow
119FollowersFollow
827SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img
- Advertisements -spot_img

Latest Articles

- Advertisements -spot_img
- Advertisements -spot_img