तो हॉस्पिटल खुलवाने के लिए सत्तापक्ष ने लिया ठेका
अवैध हॉस्पिटल पर कार्रवाई का अंदेशा कहीं खत्म तो नहीं होगा
पहले की तरीका सत्ता पक्ष के दबाव में खुल तो नहीं जाएगा हॉस्पिटल
अम्बेडकरनगर । जहां पूरे अंबेडकरनगर की निगाह अवैध रूप से संचालित हॉस्पिटल और पीड़ित कि मृतक पत्नी अफसाना के मामले को लेकर निगाहें गड़ाए बैठी है कि उक्त हास्पिटल पर कार्रवाई हो जाएगा तो लोकल के कुछ नेताओं और जनपद के कुछ बड़े नेताओं की कृपा दृष्टि संजीवनी मैटरनिटी हेल्थ सेंटर पर बरस रही है।
सूत्रों के अनुसार पूर्व में भी सत्ता पक्ष के कुछ नेताओं की कृपा दृष्टि के कारण माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद इस हॉस्पिटल को संचालित किया गया जहां एक तरफ सत्ता पक्ष के नेता इस हॉस्पिटल को बचाने में लगे हुए हैं। तो वही आम जनता की निगाहें भी इसी हॉस्पिटल पर हो गई है कि अब पीड़ित को सत्ता पक्ष के नेता इंसाफ दिलाएंगे या फिर पहले की भांति राजनीतिक ध्रुवीकरण में एक बार हॉस्पिटल संचालित करवा दिया जाएगा जहां और मौतों का इंतजार होगा।
जहां चुनाव सर पर हैं तो वही सत्ता पक्ष के कुछ नेताओं की वजह से यहां पर हॉस्पिटल खुलवाने में लगने के कारण आम जनता पर काफी प्रभाव पड़ेगा।
जो सत्ता पक्ष के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकता है। अब देखने का विषय यह है कि क्या ऐसे अवैध रूप से संचालित हॉस्पिटल पर कारवाई करवाने में सत्तापक्ष साथ देगी या फिर खुलवाने में यह तो दूध और पानी की तरीके जल्द ही साफ हो जाएगा।
सूबे के मुखिया जहां आम जनता को उनका हक दिलाने की लगातार कोशिश कर रहे हैं तो वहीं इनके ही कार्यकर्ता अवैध रूप से संचालित हॉस्पिटल को खुलवा कर और मौतों का इंतजार कर रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक पूर्व में भी कई दिग्गज नेताओं के रहमों करम पर यह हॉस्पिटल संचालित हो सका था जिस पर सील की कार्रवाई भी की गई थी यही नहीं ब्लैक लिस्टेड होने के बावजूद हॉस्पिटल खोलना कहीं ना कहीं सत्ता पक्ष से मिलीभगत का इशारा साफ नजर आता है।