
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुक्रवार को चीन के अपने समकक्ष वांग यी से मुलाकात की। मुलाकात के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि उन्होंने चीनी समकक्ष को बता दिया है कि अप्रैल 2020 के पहले की स्थिति बहाली सामान्य रिश्ते के लिए जरुरी है। उन्होंने कहा कि इस दौरान दोनों पक्षों के बीच पूर्वी लद्दाख विवाद और यूक्रेन संकट से पैदा हुई भू-राजनीतिक उथल-पुथल समेत विभिन्न मुद्दों पर व्यापक चर्चा हुई।
मीडिया को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा, “मेरी बातचीत चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ अभी समाप्त हुई है। हमने लगभग 3 घंटे तक चर्चा की और खुले और स्पष्ट तरीके से एक व्यापक मूल एजेंडे को संबोधित किया। हमने अपने द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की जो अप्रैल 2020 से चीनी कार्रवाइयों के परिणामस्वरूप बाधित हुई।”
भारतीय विदेश मंत्री ने कहा, “चीने के विदेश मंत्री के साथ तीन घंटे की मुलाकात हुई। हमने चीन के विदेश मंत्री को देश की भावना से अवगत करा दिया। अप्रैल 2020 के पहले की स्थिति बहाली सामान्य रिश्ते के लिए जरुरी है।”
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि 1993-96 के समझौतों का उल्लंघन हुआ है जिसमें बड़ी संख्या में सैनिकों की मौजूदगी (LAC पर) है। इसको देखते हुए हमारे संबंध (वर्तमान में चीन के साथ) सामान्य नहीं हैं। उन्होंने कहा, “वर्तमान स्थिति को मैं एक ‘वर्क इन प्रोग्रेस’ कहूंगा। हालांकि यह धीमी गति से हो रहा है… इसे आगे ले जाने की आवश्यकता है क्योंकि डिसइंगेजमेंट के लिए (LAC पर) आवश्यक है।” इसके अलावा विदेश मंत्री ने बताया कि चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ क्वाड बैठक पर कोई चर्चा नहीं हुई।