कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और इस पद के कथित आकांक्षी सचिन पायलट के मतभेद तथा मनभेद खुलकर सामने आने के साथ ही गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की कथित गैर-मौजूदगी को लेकर भी कई सवाल उठ रहे हैं। इस संबंध में ‘सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज (सीएसडीएस)’ के शोध कार्यक्रम ‘लोकनीति’ के सह-निदेशक संजय कुमार से ‘भाषा’ के पांच सवाल और उनके जवाब:
सवाल: कांग्रेस ‘भारत जोड़ो यात्रा’ कर रही है लेकिन इसी बीच राजस्थान में उसके नेतृत्व वाली सरकार में मतभेद सतह पर आ गए हैं। ऐसे में इस यात्रा पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। आपकी राय?
जवाब: कांग्रेस ‘भारत जोड़ो यात्रा’ तो कर रही है लेकिन उसके लिए इससे ज्यादा जरूरी है कि वह ‘कांग्रेस जोड़ो यात्रा’ निकाले। कांग्रेस के अंदर जो तमाम मतभेद हैं और जो समय-समय पर उभरकर सामने आते रहते हैं, कम से कम उनसे निपटना कांग्रेस के लिए ज्यादा जरूरी है। मैं यह मानता हूं कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ भी जरूरी है लेकिन सच बात यह है ‘कांग्रेस जोड़ो यात्रा’ की भी आवश्यकता है। यह कहने का अर्थ यह नहीं है कि मतभेद और मनभेद दूसरे दलों के अंदर नहीं हैं। आम तौर पर ऐसे मतभेदों को दलों के आंतरिक लोकतंत्र का स्वस्थ संकेत माना जाता है लेकिन ”गंभीर मतभेदों” के लिए बार-बार इसका हवाला नहीं दिया जा सकता और न ही इसके बहाने उसे रफा-दफा किया जा सकता है। कांग्रेस के समक्ष राजस्थान का जो संकट है, यह उसके लिए अच्छा नहीं है क्योंकि यह लंबे समय से चला आ रहा है। इसे टालने से पार्टी का ही नुकसान हो रहा है। इस बारे में पार्टी को गंभीरता से सोचना चाहिए और ऐसे ‘मनभेदों’ से कैसे निपटा जाए, उसे उसका रास्ता निकालना चाहिए।
सवाल: प्रश्न यह उठता है कि क्या शशि थरूर और सचिन पायलट जैसे नेताओं को देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी में महत्व नहीं मिलता है?
जवाब: मुझे ऐसा नहीं लगता कि कांग्रेस शशि थरूर या सचिन पायलट जैसे नेताओं को महत्व नहीं देती है। अगर आपका इशारा कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने की वजह से शशि थरूर को अलग-थलग किए जाने की चर्चाओं की ओर है तो मैं इससे सहमत नहीं हूं। कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया में थरूर की भागीदारी से मैं इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंचता कि पार्टी में उनका महत्व नहीं है। उस चुनाव में पार्टी के नेताओं को लगा कि इस वक्त अध्यक्ष के रूप में मल्लिकार्जुन खरगे की जरूरत है, न कि थरूर की। जहां तक पायलट की राजस्थान के मुख्यमंत्री पद की दावेदारी की बात है तो यह विधायकों को तय करना होता है कि किस नेता में उनका विश्वास है। फिलहाल तो उनका समर्थन अशोक गहलोत के साथ है और पायलट उनकी पसंद नहीं हैं।
सवाल: कांग्रेस की ”यात्रा” और उसके अंदरूनी मतभेदों के बीच गुजरात में चुनाव भी हो रहा है, जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आम आदमी पार्टी (आप) ने पूरी ताकत झोंक रखी है तथा कांग्रेस नदारद दिख रही है?