मुख्तार अंसारी के सबसे बड़े दुश्मन और डॉन कहलाने वाले ब्रजेश सिंह रिहाई के बाद सुर्खियां है। मुख्तार अंसारी पर हमले के मामले में हाईकोर्ट से बुधवार को जमानत मिलने के बाद ब्रजेश सिंह 14 साल बाद गुरुवार की शाम जेल से बाहर आ गया। पिता की हत्या के बाद ब्रजेश सिंह अपराध की दुनिया में आया लेकिन मुख्तार अंसारी से अदावत एक कांस्टेबल की हत्या के बाद हुई। इसके बाद दोनों एक दूसरे के सबसे बड़े दुश्मन बन गए।
मुख्तार अंसारी और ब्रजेश सिंह दोनों ने पूर्वांचल समेत यूपी में बादशाहत बनाने की खातिर गैंग का विस्तार किया। 1988 में एक कांस्टेबल की हत्या के बाद दोनों एक दूसरे के सबसे बड़े दुश्मन बन गए। साल 2000 में कई सालों तक फरार रहे बृजेश पर यूपी पुलिस ने 5 लाख रुपए का इनाम भी घोषित किया था।
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1884 में पिता के हत्यारों की सनसनीखेज तरीके से हत्या का आरोप ब्रजेश सिंह पर लगा और अपराध की दुनिया में उनकी तूती बोलने लगी थी। इसी दौरान ब्रजेश की मुलाकात गाजीपुर के मुडियार गांव के दूसरे माफिया त्रिभुवन सिंह से हुई। दोनों ने पूर्वांचल में बादशाहत कायम करने की ठान ली। 1988 में त्रिभुवन के हेड कॉस्टेबल भाई राजेंद्र सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हत्याकांड में साधु सिंह और मुख्तार अंसारी का नाम आया। इस हत्याकांड के पहले तक इन दोनो गैंग के बीच कोई खास दुश्मनी नहीं थी, लेकिन इसके बाद दोनों एक-दूसरे के सबसे बड़े दुश्मन बन गए।
कांस्टेबल की हत्या के आरोपी साधु सिंह के पूरे परिवार की हत्या