गुजरात में चुनाव चल रहा है। बड़े नेताओं की बड़ी रैलियां, रैलियों में भारी भीड़ है। अब यही भीड़ है, जो पार्टी या नेता के लिए समर्थन भी जुटाती है और मतदाता भी बनती है। इस काम में भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी बाजी मारती नजर आ रही हैं, क्योंकि कांग्रेस साइलेंट प्रचार कर रही है। अब सत्ता परिवर्तन के लिहाज से चर्चा करें, तो सत्ता तो शायद नहीं, लेकिन विपक्ष में बदलाव के आसार हैं।
कुछ सर्वेक्षणों में राज्य में फिर भाजपा की सरकार बनती दिख रही है। अगर ऐसा होता है, तो 182 सीटों वाली गुजरात विधानसभा में यह भाजपा की लगातार 7वीं जीत होगी। जानकार इसकी बड़ी वजह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी बताते हैं।
28 नवंबर के एबीपी सी वोटर सर्वे में अनुमान लगाया गया है कि भाजपा दो तिहाई बहुमत के साथ फिर सरकार बना रही है। सर्वे के मुताबिक, राज्य में भाजपा को 134-142 सीटें मिल सकती हैं। साल 2017 में सीटों की संख्या के लिहाज से भाजपा का प्रदर्शन सबसे खराब रहा था। उस दौरान पार्टी ने 99 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी।
अब विपक्ष का मामला समझें
गुजरात विधानसभा का मुकाबला आमतौर पर भाजपा बनाम कांग्रेस होता था। बीते 6 चुनावों से कांग्रेस लगातार विपक्ष की भूमिका में है, लेकिन इस बार समीकरण बदल सकते हैं, क्योंकि आप भी आक्रामक है। दिल्ली के मुख्यमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक गुजरात में दम भर रहे हैं। उन्होंने पंजाब के सीएम भगवंत मान जैसे कई बडे़ नेताओं को मैदान में उतार दिया है।
सूरत के नतीजे बने टर्निंग पॉइंट
अब इसकी वजह भी नजर आती है। सूरत के बीते साल हुए नगर निगम चुनाव में आप ने 120 में से 28 सीटें जीती थीं। जबकि, राज्य की पुरानी खिलाड़ी कांग्रेस का पत्ता साफ हो गया था। कहा जाता है कि उस चुनाव से आप को विपक्ष के विकल्प के तौर पर देखा जाने लगा था। इसके अलावा कांग्रेस की जगह लेने का कारनामा आप पंजाब और दिल्ली में भी कर चुकी है।