दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेटर लिखा है। उन्होंने पीएम मोदी की ओर से 14500 स्कूलों को मॉडल स्कूल के तौर पर विकसित किए जाने के ऐलान को अच्छा बताते हुए देश के सभी स्कूलों को अपग्रेड करने की मांग की है। केजरीवाल ने ट्विटर पर इस खत को साझा करते हुए लिखा, ”प्रधानमंत्री जी को मेरा पत्र। उन्होंने 14,500 स्कूलों को अपग्रेड करने का एलान किया, बहुत अच्छा। लेकिन देश में 10 लाख सरकारी स्कूल हैं। इस तरह तो सारे स्कूल ठीक करने में सौ साल से ज़्यादा लग जाएँगे। आपसे अनुरोध है कि सभी दस लाख स्कूलों को एक साथ ठीक करने का प्लान बनाया जाए।”
एक दिन पहले भी पीएम मोदी के फैसले की तारीफ कर चुके अरविंद केजरीवाल ने लेटर मे लिखा, ”मुझे मीडिया से पता चला है कि केंद्र सरकार ने देशभर में 14500 स्कूलों को अपग्रेड करने की योजना बनाई है। यह बहुत अच्छी बात है। पूरे देश में सरकारी स्कूलों की हालत बहुत खराब है। उनको अपग्रेड और आधुनिक बनाने की बहुत जरूरत है।”
केजरीवाल ने आगे लिखा, ”देशभर में रोज 27 करोड़ बच्चे स्कूल जाते हैं। इनमें लगभग 18 करोड़ बच्चे सरकारी स्कूलों में जाते हैं। 80% से ज्यादा सरकारी स्कूलों की हालत किसी कबाड़खाने से भी ज्यादा खराब है। अगर करोड़ों बच्चों को हम ऐसी शिक्षा दे रहे हैं तो सोचिए भारत कैसे विकसित देश बनेगा?”
आजादी के बाद 75 सालों में शिक्षा पर सही ध्यान नहीं दिए जाने की बात कहते हुए केजरीवाल ने लिखा, ”1947 में हमसे बहुत बड़ी गलती हुई। देश आजाद होते ही सबसे पहले हमें भारत के हर गांव और हर मोहल्ले में शानदार सरकारी स्कूल खोलने चाहिए थे। कोई भी मुल्क अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिए बिना तरक्की नहीं कर सकता। 1947 में हमने ऐसा नहीं किया। ज्यादा दुख की बात यह है कि अगले 75 साल भी हमने अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने पर ध्या नहीं दिया। क्या भारत अब और वक्त बर्बाद कर सकता है?”
केजरीवाल ने एक तरफ पीएम मोदी के ऐलान को अच्छा बताया तो यह भी कहा कि इतना करना ही काफी नहीं है। उन्होंने लिखा, ”आपने केवल 14500 सरकारी स्कूलों को ठीक करने की योजना बनाई है। देशभर में दस लाख से ज्यादा सरकारी स्कूल हैं। ऐसे तो सारे सरकारी स्कूलों को ठीक करने में सौ साल से भी ज्यादा समय लग जाएंगे। तो क्या अगले सौ साल भी हम दूसरे देशों से पीछे रह जाएंगे? देश के हर सरकारी स्कूल में शानदार शिक्षा की व्यवस्था के बिना हमारा देश विकसित देश नहीं बन सकता।”