पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में गिरफ्तार अर्पिता मुखर्जी की वकील ने शुक्रवार को दावा किया उनके मुवक्किल को जान को खतरा है। हम उसके लिए एक डिवीजन 1 कैदी श्रेणी चाहते हैं। उनके भोजन और पानी की पहले जांच की जानी चाहिए और फिर दिया जाना चाहिए। इससे पहले ईडी के अधिकारियों ने भी माना कि अर्पिता मुखर्जी की जान को खतरा हो सकता है। कोर्ट ने पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी को 18 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
शुक्रवार को ईडी के अधिकारियों ने अर्पिता मुखर्जी को कोलकाता की सिटी सेशंस कोर्ट में पेश किया गया। उन्हें बीते 23 जुलाई को ममता सरकार में मंत्री रहे पार्थ चटर्जी के साथ गिरफ्तार किया गया था। अर्पिता और पार्थ पर शिक्षक भर्ती घोटाले में शामिल होने का आरोप है। अर्पिता के घर चले 27 घंटे की मैराथन रेड में 50 करोड़ से ज्यादा कैश और गोल्ड समेत कई दस्तावेज बरामद हुए थे। अर्पिता ने कहा था कि ये पैसे उनके नहीं बल्कि पार्थ चटर्जी के हैं।
अर्पिता की जान को खतरा
कोर्ट में पेशी के दौरान अर्पिता के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल को जान का खतरा है। इसलिए उन्होंने अदालत से निवेदन किया कि उनको दिए जाने वाले भोजन और पानी की पहले जांच की जाए। ईडी के वकील ने भी इस बात का समर्थन किया कि उनकी सुरक्षा को खतरा है। इसलिए निवेदन किया कि उन्हें 4 से अधिक कैदियों को नहीं रखा जाए। उधर, अदालत ने शिक्षक भर्ती घोटाले के मामले में पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी को 18 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेजने के निर्देश दिए।