फिल्म द कश्मीर की रिलीज के बाद डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री फिल्म से जुड़े कई किस्से दर्शकों के साथ शेयर कर चुके हैं। वह बिहाइंड द सीन वीडियोज भी शेयर करते रहते हैं। अब उन्होंने एक क्लिप शेयर की है जिसमें द कश्मीर फाइल्स का एक इमोशनल सीन दिखाया है। विवेक ने बताया कि जब उनके पेरेंट्स का निधन हुआ तब वह नहीं रोए लेकिन अनुपम खेर की मौत का यह सीन शूट किया था तो अपना रोना नहीं रोक पाए थे। वीडियो में विवेक रोते दिख रहे हैं। विवेक के इस ट्वीट पर कई लोगों ने नेगेटिव कमेंट्स लिखे हैं।
विवेक बोले- इस सीन के लिए देखें फिल्म
विवेक अग्निहोत्री की फिल्म द कश्मीर फाइल्स ने सिनेमाघरों में लोगों को खूब रुलाया। इसकी शूटिंग के वक्त फिल्म की कास्ट भी काफी इमोशनल रही। विवेक अग्निहोत्री ने एक सीन के शूट का वीडियो शेयर किया है। इसमें वह अनुपम खेर के गले लगकर रोते दिख रहे हैं। विवेक ने लिखा है, जब 2004 में मेरी मां मरीं तो मैं नहीं रोया। जब 2008 में मेरे पिता मरे तो मैं नहीं रोया। लेकिन जब अनुपम खेर के साथ यह सीन शूट किया तो खुद को रोक नहीं सका। कोई बेटा ऐसा नहीं कर सकता। हमारे कश्मीरी हिंदू पेरेंट्स के दर्द में इतनी गहराई है। प्लीज सिर्फ इस सीन के लिए द कश्मीर फाइल्स देखें।
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When my mother died in 2004, I didn’t cry. When my father died in 2008, I didn’t cry.
But when I shot this death scene with @AnupamPKher I couldn’t stop. No son could. Such is the intensity of pain of our Kashmiri Hindu parents.
Pl watch #TheKashmirFiles only for this scene. pic.twitter.com/nEA8lYeUwI
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) April 1, 2022
लोगों को नहीं पसंद आया पोस्ट
इस ट्वीट पर एक यूजर ने लिखा है, मैं मानता हूं कि सीन अच्छा है, लेकिन ये कहना कि पेरेंट्स की डेथ पर नहीं रोये कुछ ज्यादा हो गया। फिल्म अच्छी है, कोई नहीं रोक सकता। मरे हुए लोगों की इंसल्ट न करो। एक और यूजर ने विवेक के बचाव में लिखा है कि उन्होंने सालों का जिक्र किया है। विवेक उस वक्त इतने सेंसिटिव नहीं थे जो कि उन्हें शूट करते वक्त याद आया। वह अब काफी बदल गए हैं। इस पर यूजर ने जवाब दिया है कि मानत हूं लेकिन मां-बाप की मौत की तुलना फिल्म के एक सीन से क्यों करनी। फिल्म का सीन बेशक अच्छा है लेकिन ये कहना कि पेरेंट्स की मौत पर नहीं रोए और सीन पर रोए ठीक नहीं है। कुछ लोगों ने उनको इस तरह की बात लिखने पर इंसेंसिटिव भी लिखा है।
I agree the scene is good, but it’s too much to say U didn’t cry on ur Parents death, To promote a Film, Don’t stoop lo silly sentences, If the Film is good, koi nahi rok sakta, Don’t insult The Dead @vivekagnihotri
— Maddy (@MadhuSimha) April 1, 2022
Sir he has mentioned the years when his parents departed and he means to say he wasn’t that sensitive on those days, which he realised later during filming. For your context Vivek as a person changed in the last few years.
— Dwajhind (@dwajhind) April 1, 2022
Come on man, keep this movie aside..how can you be so insensitive to people who went through so much pain? What’s the propaganda at least tell us that?
— Manasa Venkatesh (@Manasa_1989) April 1, 2022