शासन स्तर से गठि तीन सदस्यीय टीम कर रही है जांच
प्रारंभिक जांच में दोषी पाए गए है सीएमओ
अम्बेडकरनगर। स्वास्थ्य विभाग में बड़े घोटाले का मामला सामने आया है । मुख्य चिकित्साधिकारी श्री कांत शर्मा पर पांच करोड़ के घोटाले का गभीर आरोप है। महानिदेशक परिवार कल्याण ने घोटाले की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच टीम बैठाई है। हालांकि संप्रेक्षा दल की प्रारंभिक जांच में मुख्य चिकित्साधिकारी श्रीकांत शर्मा को कथित रूप से बचाने के लिए मामले को उलझा दिया गया।
इसके बाद महानिदेशक परिवार कल्याण द्वारा कर्मियों के अभाव के दृष्टिगत प्रकरण की पुनः जांच कराने का फैसला लिया गया।
ऑडिट के दौरान फंसा था पेंच
चर्चा है कि मुख्य चिकित्साधिकारी श्रीकांत शर्मा और उनके स्टोनो ने मिलकर सरकार द्वारा जारी धन राशि में गोलमाल कर दिया गया। परिणाम यह रहा कि ऑडिट के दौरान मामला खुल गया और ऑडिट टीम ने शासन को रिपोर्ट भेज दिया। व्यापक रूप से वित्तीय अनियमितता और पांच करोड़ से अधिक के घोटाले का कलंक लेकर मुख्य चिकित्साधिकारी श्रीकांत शर्मा आगामी 31 अगस्त को रिटायर होंगे।
जांच टीम पहुंची सीएमओ ऑफिस, मची खलबली
जांच टीम दो दिन पूर्व जब जांच के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय पहुंची तो वहां हड़कंप मच गया। अफरातफरी के बीच जांच टीम ने अभिलेखों को खंगाला और रवाना हो गई। हालांकि यह बात आग की तरह मीडिया के गलियारों में गूंज रहा था लेकिन मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय के लोग ने यह अफवाह फैलाया कि ऑडिट टीम ऑडिट करने आई थी।
ये है नामित जांच टीम
जांच में शालिनी गुप्ता निदेशक ( मा०शि०क०), अमित सिंह संयुक्त निदेशक ( प्रशिक्षण ) , आशीष सिंह वरिष्ठ सहायक परिवार कल्याण निदेशालय यूपी को शामिल किया गया। यह टीम डॉ० शालिनी गुप्ता निदेशक ( मा०शि०क०) परिवार कल्याण निदेशालय यूपी की अध्यक्षता में जांच कर रही है।