सुनवाई
लखनऊ। विधि संवाददाता
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित किये जाने तथा पीएसए संयंत्र न लगाकर ऑक्सीजन की कमी होने देने के जिम्मेदार अधिकारियों पर मुकदमा चलाने की मांग वाली जनहित याचिका पर राज्य सरकार से उसका पक्ष पूछा है। न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 18 मई की तिथि नियत की है।
यह आदेश न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी और न्यायमूर्ति मनीष माथुर की खंडपीठ ने हरि प्रसाद गुप्ता की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर पारित किया। याचिका में कहा गया है कि पीएम केयर फंड से 5 जनवरी 2021 को ही प्रेशर स्विंग एड्सॉर्पशन (पीएसए) संयंत्र लगाने के लिए धन आवंटित किया गया था। बावजूद इसके उक्त संयंत्र न लगाने वाले अधिकारियों को ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतों का जिम्मेदार मानते हुए, उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाया जाए।
याचिका में भर्ती के लिए भटक रहे मरीजों को तत्काल अस्पताल ली सुविधा दिये जाने की भी मांग की गई है। इसके साथ ही दवाइयों, ऑक्सीजन व अन्य जरूरी उपरकणों की कालाबाजारी रोकने व इनकी उपलब्धता सुनिश्चित किये जाने की मांग की गई है। एक तय समय सीमा में पीएसए संयंत्र लगाने व इसकी क्षमता के अनुसार ऑक्सीजन की आपूर्ति भी कराए जाने की मांग की गई है। याची ने ऑक्सीजन व जीवन रक्षक दवाइयों की सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों में आपूर्ति का ऑडिट कराने की भी मांग की है। साथ ही हाईकोर्ट परिसर में अस्थाई कोविड अस्पताल बनाए जाने की भी मांग की गई है।
याचिका का विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि इन्हीं मुद्दों को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। याची को वहीं प्रार्थना पत्र दाखिल करना चाहिए।