कोरोनों की दूसरी लहर में तेजी से बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जेलों में बंदियों की संख्या कम करने की तैयारी शुरू हो गई है। बंदियों की पैरोल पर रिहाई पर फैसला लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित हाई पॉवर कमेटी की बैठक 22 मई को होगी। प्रदेश की सभी 71 जेलों में इस समय 1,11,882 बंदी निरुद्ध हैं। इन जेलों में क्षमता से दोगुने-चौगुने बंदी हैं।
इन जेलों में इस समय कुल 1604 लोग कोरोना (कोविड-19) से संक्रमित हैं, जिसमें 156 जेल के ही कर्मचारी हैं। संक्रमितों में से 10 की मौत भी हो चुकी है, जिसमें सात बंदी शामिल हैं। बंदियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने जेलों में भीड़ कम करने का आदेश दिया है। कोरोना की पहली लहर में भी बड़ी संख्या में बंदी रिहा किए गए थे। इस बार भी उन बंदियों को प्राथमिकता पर रिहा किया जाएगा। इसके अलावा अन्य बंदियों की भी रिहाई होगी।
जेलों में ऐसे बंदी भी हैं जो अपने परिवार में कोरोना संक्रमण से हुई मृत्यु के कारण पैरोल दिए जाने की मांग कर रहे हैं। ऐसे कई बंदी हैं जिनके माता-पिता या भाई जैसे निकट संबंधियों की कोरोना से मौत हो गई है। वे दु:ख व पीड़ा के इस मौके पर अपने परिवार के साथ रहना चाहते हैं। ऐसे बंदियों के प्रार्थना पत्र जिलाधिकारियों के पास लंबित हैं। मार्च 2020 में हुए लॉक डाउन के साथ ही जेलों में कोरोना संक्रमण को रोकने के उद्देश्य से परिवारीजनों से मुलाकात पर रोक लगी हुई है। इस कारण वे अपने परिवारीजनों से मिल भी नहीं पा रहे हैं।