मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जैसे 37 साल बाद यूपी में सरकार रिपीट करने का रिकार्ड कायम किया। कुछ उसी अंदाज़ में भाजपा ने सुशासन, कानून-व्यवस्था और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस की उनकी नीति को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हिमाचल में रिवाज़ बदलने के लिए रण में लगा दिया है।
योगी हिमाचल में न केवल ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे हैं, बल्कि हिमाचल को अपनी सरकार के सुशासन के साथ ही माफिया के खिलाफ अभियान की खूबियां भी बता रहे हैं। माफिया के खिलाफ कानून-व्यवस्था को यूपी में हथियार बनाने वाले योगी, इसके सहारे कांग्रेस को बार-बार कमोबेश हर रैली में निशाने पर ले रहे हैं। भाजपा ने उनकी इसी सियासी दुर्लभ खासियत को भुनाने के लिए ही उनकी मैराथन रैलियां लगा रखी हैं।
यही वजह है कि चाहे कांगड़ा हो बिलासपुर या फिर मंडी या सोलन रह कहीं योगी यह कहने से नहीं चूक रहे कि कांग्रेस का हाथ आतंकियों के साथ…। यही नहीं उन्होंने यूपी के कुख्यात माफिया मुख्तार अंसारी को कांग्रेस की पंजाब सरकार द्वारा प्रश्रय दिए जाने को भी यह कहकर मुद्दा बनाया कि सतर्क रहिएगा कहीं यूपी के माफिया हिमाचल में आकर न छिपने लगें। नतीजतन, रैलियों में…बुलडोजर बाबा की जय और…राम नाम के नारे हैं…योगी जी पधारे हैं…जैसे नारे भीड़ लगा रही है।
सांस्कृतिक धरोहरों के जरिये साध रहे हिन्दुत्व और राष्ट्रवाद
मुख्यमंत्री रैलियों में न केवल यूपी सरकार की नीतियों के बारे में बता रहे हैं बल्कि अयोध्या व काशी में दोपोत्सव के आयोजन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशन में देश भर में धरोहरों राम मंदिर, काशी विश्वनाथ कारीडोर और उज्जैन के महाकाल मंदिर के व्यापक सौंदर्यीकरण व विकास का भी मुद्दा उठा रहे हैं। इसके सहारे वह कांग्रेस को यह कहकर निशाने पर ले रहे हैं कि सिर्फ चुनावों में मंदिरों की याद आती है और बाकी वक्त कांग्रेस का हाथ टुकड़े-टुकड़े गैंग के साथ रहता है।
हिमाचल के बाद शुरू होंगे गुजरात में रैलियां
हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को मतदान होने के बाद योगी आदित्यनाथ की गुजरात में रैलियों का दौर शुरू होगा। पार्टी ने उनका वृहद कार्यक्रम तैयार किया है और मतदान के बाद जल्द ही इसे जारी किया जाएगा।