
कोरोना के बाद सुधरे हालात में राज्य का निर्यात ग्राफ तेजी से आगे की तरफ भागने लगा है। वित्तीय वर्ष के अंत तक राज्य के निर्यात का आंकड़ा 1.50 लाख करोड़ रुपये पार कर जाने की प्रबल संभावना है। बीते जनवरी तक के आंकड़ों में ही 31 फीसदी निर्यात वृद्धि के साथ उत्तर प्रदेश से 1.25,903.76 करोड़ रुपये मूल्य के उत्पादों का निर्यात हो चुका है।
लैंडलॉक स्टेटों में निर्यात में यूपी नंबर एक पर
एमएसएमई व निर्यात प्रोत्साहन विभाग के अपर मुख्य सचिव डा. नवनीत सहगल ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया है कि चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 के जनवरी तक के निर्यात के आंकड़ें यह बता रहे हैं कि प्रदेश सरकार द्वारा निर्यातकों को दी जा रही सुविधाओं व सहायता के सकारात्मक परिणाम आने लगे हैं। निर्यात के क्षेत्र में यूपी समुद्र तटीय राज्य गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु के बाद पांचवें स्थान पर हैं। लैंडलॉक स्टेट (मैदानी राज्यों) में यूपी निर्यात के क्षेत्र में पहले नंबर पर है।
उन्होंने बताया है कि पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 में जनवरी तक प्रदेश से कुल 95,980.63 करोड़ रुपये मूल्य के उत्पादों का निर्यात हुआ था। पिछले वित्तीय वर्ष में कोरोना के कारण जहां देश के सभी प्रमुख निर्यातक राज्यों से निर्यात में गिरावट दर्ज की गई थी। वहीं यूपी से निर्यात के ग्राफ में वृद्धि हुई थी। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद निर्यात बढ़ना बड़ी बात थी।
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निर्यात में वृद्धि के प्रमुख कारण
-कस्टम से समन्वय
-विदेशों के भारतीय दूतावासों से तालमेल
-फ्रेट की दर कम कराई गई
-75 जिलों का डिस्ट्रिक्ट एक्सपोर्ट प्लान बनाया
-जिलों को एक्सपोर्ट हब के रूप में विकसित किया
-लेदर गुड्स, स्पोटर्स गुड्स, केमिकल, टेक्सटाइल्स व हैण्डीक्राफ्ट सहित 100 उत्पाद चिन्हित
हर तरह के उत्पादों के निर्यात में उत्साहजनक वृद्धि
डेयरी उत्पाद, प्राकृतिक शहद, खाद्य उत्पाद, एनीमल आर्जिन प्रोडेक्ट, सब्जियां, फल, चाय, मसाले, अनाज, चीनी और चीनी कन्फेक्शनरी, खनिज ईंधन, तेल, अकार्बनिक रसायन, कार्बनिक रसायन, फार्मास्युटिकल उत्पाद, एल्बुमिनोइडल, प्लास्टिक और उससे बने सामान, रबड़, चमड़े की वस्तुएं, पेपर, सिल्क, मानव निर्मित फिलामेंट्स, कालीन, परिधान और वस्त्र सहायक उपकरण, कांच और कांच से बने उत्पाद, मोती, कीमती या अर्ध-कीमती पत्थर/धातु, लोहा और इस्पात, एल्युमिनियम आदि के निर्यात में वृद्धि दर्ज की गई है।