कानपुर में एक बुजुर्ग ने अपने बेटे-बहु और पोते पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए फांसी के फंदे से लटककर जान दे दी। मामला चौबेपुर के कपरानापुर गांव का है। जानकारी के मुताबिक यहां रहने वाले मोती लाल यादव (65) ने अपने पुश्तैनी मकान में फांसी लगाकर जान दे दी। मोती लाल यादव सरैया वाराणसी में परिवार के साथ रहकर प्रेस मिठाई का डब्बा बनाते थे।
जानकारी के मुताबिक शुक्रवार शाम वह अपने बड़े बेटे लालजी यादव और उनके परिवार से नाराज होकर अपने पुश्तैनी मकान आए और उस जर्जर मकान में रस्सी के सहारे फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। सुबह जब गांव के लोगों ने लाल जी यादव को फंदे से लटका देखा तो पुलिस को मामले की सूचना दी। मौके पर पुलिस ने उनके लोवर से एक सुसाइट नोट भी बरामद किया। इसमें बड़े बेटे लालजी यादव, बहू माया देवी तथा पोते अभिषेक यादव के नाम लिखे नोट में लिखा है कि ये लोग मेरा कारखाना, रूपया, रकम सब ले लिए हैं। इसको लेकर मारपीट की। इससे वह आत्महत्या कर रहा है। जानकारी के मुताबिक सुसाइड नोट में आगे लिखा है कि मेरे दो बेटे लालू यादव व श्रीराम यादव को झूठे मुकदमे में फंसाया गया है। पुलिस सुसाइट नोट के आधार पर मुकदमा पंजीकृत कर विधिक कार्रवाई में जुट गई है।
स्थानीय लोगों के मुताबिक लाल जी यादव के तीन बेटे हैं जो उनके साथ सरैया वाराणसी में रहते थे। गांव के लोगों ने बताया कि सालों से उनका परिवार शहर में रहता है। लाल जी यादव के बड़े बेटे से धन संपत्ति को लेकर मारपीट का मुकदमा भी पहले से चल रहा है।