बिजली के निजीकरण के लिए संसद में रखे जाने वाले इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल-2022 के विरोध में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने हड़ताल करने का फैसला किया है। संघर्ष समिति ने शुक्रवार को हड़ताल की नोटिस केंद्र और राज्य सरकार को भेज दी है।
संघर्ष समिति ने तय किया है कि बिल के विरोध में देश के तमाम बिजली कर्मचारियों के साथ प्रदेश के सभी ऊर्जा निगमों के तमाम कर्मचारी और इंजीनियर काम बंद हड़ताल करेंगे।
काम छोड़ हड़ताल पर जाएंगे बिजली कर्मी
संघर्ष समिति ने तय किया है कि सरकार जिस दिन संसद में बिल प्रस्तुत करेगी उसी समय सभी ऊर्जा निगमों के तमाम कर्मचारी व अभियन्ता कार्य छोड़ कर कार्यस्थल से बाहर आ जाएंगे और विरोध प्रदर्शन करेंगे। 10 अगस्त को राजधानी लखनऊ सहित सभी जनपदों व परियोजना मुख्यालयों पर शाम 4 से 5 बजे तक विरोध प्रदर्शन करेंगे। सोमवार को संसद में बिल 2022 प्रस्तुत किए जाने की संभावना को देखते हुए समिति ने आह्वान किया है कि लखनऊ सहित सभी जनपदों व परियोजनाओं पर सोमवार 8 अगस्त को सभी बिजली कर्मचारी व अभियन्ता दोपहर 12 बजे से एक स्थान पर एकत्र रहेंगे यदि बिल संसद में रखा जाता है तो उसी समय से हड़ताल शुरू कर देंगे।
कर्मचारी और उपभोक्ता दोनों का नुकसान: संघर्ष समिति
संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे का कहना है कि इस बिल से बिजली कर्मचारियों और बिजली उपभोक्ताओं पर दूरगामी प्रतिगामी प्रभाव पड़ने वाले हैं। केन्द्र सरकार ने पिछले वर्ष संयुक्त किसान मोर्चा को पत्र लिखकर यह वायदा किया था कि किसानों तथा सभी स्टेक होल्डर्स से विस्तृत वार्ता किए बगैर बिल संसद में नहीं रखा जाएगा। केंद्र सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं और बिजली कर्मचारियों के प्रतिनिधियों से आज तक कोई वार्ता नहीं की है। इस बिल से ऊर्जा क्षेत्र की सरकारी कम्पनियां आर्थिक तौर पर दिवालिया हो जाएंगी।