अच्छी शिक्षा और बच्चों के बीच बेहतर समंजस्य ही एक अच्छे और मेहनती शिक्षक की पहचान होती है। कुछ इसी तरह का नजारा यूपी के मिर्जापुर में देखने को मिली है। यहां की एक शिक्षिका को सस्पेंड कर दिया गया था। इसकी जानकारी जब बच्चों को मिली तो वह शिक्षिका से लिपट कर रोने लगे। बच्चों को रोता देखकर शिक्षिका का भी गला रुंध गया। शिक्षिका ने भी बच्चों से रोते हुए दोबारा आने का प्रॉमिस किया। इसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। शिक्षिका और बच्चों का यह भावुक वीडियो जब बीएसए के पास पहुंचा तो उन्होंने इसे साजिश बताया।
मामला मिर्जापुर जिले के छानबे ब्लॉक के चड़ैचा गांव के प्राथमिक विद्यालय का है। इस स्कूल में प्रधानाध्यापिका पद पर तैनात दीपमाला और एक सहायक अध्यापक को शनिवार को बीएसए गौतम प्रसाद ने सस्पेंड कर दिया था। बीएसए ने प्रधानाध्यापिका को ब्लाक संसाधन केंद्र विजयपुर तथा सहायक अध्यापक को पीएस भागदेवर से संबंध कर दिया था। बीएसए ने यह कार्रवाई बीते 27 अगस्त को विद्यालय अवधि के बाद एक रसोईया को तीन घंटे तक कमरे में बंद करने को लेकर की थी। इस मामले की जांच बैठी थी। इस जांच के लिए बीईओ और छानबे को संयुक्त रूप से जांच अधिकारी नियुक्त किए थे। बीईओ ने प्रधानाध्यापिका तथा सहायक अध्यापक के बीच गुटबाजी तथा शिक्षामित्रों और रसोइयों में तनातनी के चलते शैक्षणिक कार्य बाधित होने की रिपोर्ट दी थी। इसके बाद कार्रवाई की गई।
स्कूल में धरने पर बैठे बच्चे
प्रधानाध्यापक को सस्पेंड किए जाने की खबर जब स्कूल के बच्चों को लगी तो वह स्कूल के गेट पर ही धरने पर बैठ गए और अपनी शिक्षिका को घेर कर उनसे लिपटकर रोने लगे। शिक्षिका के काफी समझाने पर बच्चे शांत हुए। बच्चों की आंखों में आंसू देखकर शिक्षिका भी रुंधे गले हो गईं। सस्पेंशन आदेश आदेश जारी होने के बाद सहायक अध्यापक बगैर देर किए विद्यालय परिसर से निकल लिए। जबकि काफी संख्या में जुटे अभिभावकों एवं बच्चों ने प्रधानाध्यापिका के निलंबन पर आक्रोश जाहिर करते हुए मेन गेट का ताला बंद कर दिए।
मौके पर अधिकारियों के आने तक ताला नहीं खोलने का किया ऐलान