
सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर सैकड़ों लोगों से करोड़ों रुपए ठगने वाले फिल्म निर्माता और उसके डॉक्टर साथी को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया। आरोपितों के खिलाफ कानपुर समेत कई जिलों में एक दर्जन धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं। ऑर्डिनेंस फैक्टरी के कई कर्मचारियों के बेटों की नौकरी लगवाने के नाम पर अम्बेडकरनगर निवासी दुर्गाशरण मिश्र ने झांसा देकर ठगी की। फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया में नौकरी लगवाने का दावा किया था।
हर एक से तीन से पांच लाख रुपए लिए गए। नौकरी न लगने पर जुलाई 2021 में फजलगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। कार्रवाई न होने पर इंटक के पदाधिकारियों ने एसटीएफ चीफ अमिताभ यश से मुलाकात की। एसटीएफ लखनऊ ने शनिवार को दुर्गाशरण मिश्र और उसके साथी आयुर्वेद डॉक्टर सरस्वतीपुरम जानकीपुरम राजेश राम को गिरफ्तार किया। पूछताछ में दोनों ने जुर्म कबूल लिया।
चार साल रहे थे जेल, 15 हजार इनाम
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एसटीएफ के मुताबिक राजेश और दुर्गाशरण 2007 से गिरोह चला रहे हैं। दोनों पर कानपुर, लखनऊ, अयोध्या समेत कई शहरों में एक दर्जन मुकदमे दर्ज हैं। दुर्गाशरण पर अयोध्या पुलिस ने 15 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। राजेश राम की तैनाती रायबरेली में है।
अपराध की कमाई से खोला प्रोडक्शन हाउस
पूछताछ में दुर्गाचरण ने बताया कि उसने अपराध की कमाई से जागृति नाम से फिल्म प्रोडक्शन का व्यवसाय शुरू किया। उसने सात फिल्में और कुछ म्यूजिक एलबम प्रोड्यूस किए। एसटीएफ के मुताबिक आरोपित रेलवे, एफसीआई, इंडियन ऑयल, सचिवालय, सेना समेत कई अन्य विभागों में नौकरी लगवाने का दावा करते थे। रकम लेने के बाद ईमेल पर फर्जी पत्र भेजते थे। उसके बाद लखनऊ में एक-एक महीने की ट्रेनिंग करवाते थे। यहां तक एक महीने की सैलरी भी देते थे। जिससे लोगों को यकीन हो जाता था और बचे हुए लाखों रुपये भी दे देते थे। कुछ समय पहले एसटीएफ इस ट्रेनिंग सेंटर पर छापा मारकर 18 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
क्या बरामद हुआ
वर्ष 2020 का एफसीआई का कूटरचित रिजल्ट, 4 कूटरचित ऑफर लैटर, 2 लखनऊ मेट्रो कॉर्पोरेशन के नियुक्ति पत्र, 1 लिफाफा, 1 एफसीआई मजदूर यूनियन की रसीद बुक, 3 एसबीआई की जमा पर्ची, 2 भरी हुई चेक बुक, 3 चेकबुक, 5 मोबाइल, 1 मेट्रो रेल कार्ड, 2 आईडी कार्ड, 4 एटीएम, 1 पैनकार्ड, 1 आधार कार्ड और 2680 रुपए।