गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह का फोटो अपने व्हाट्सएप की डीपी पर लगाकर जालसाज वहां के शिक्षकों से अमेजॉन से गिफ्टकार्ड खरीदकर भेजने की मांग करने लगा। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कैंट थाने और साइबर क्राइम सेल से शिकायत कर मामले में तुरंत कार्रवाई का अनुरोध किया है।
एक वरिष्ठ प्रोफेसर के पास मंगलवार को दिन में मोबाइल नंबर 7068695892 से व्हाट्सएप मैसेज आया। व्हाट्सएप की डीपी पर कुलपति की फोटो लगी होने के कारण उन्हें लगा कि यह कुलपति का ही मैसेज है। चैट बॉक्स में अंग्रेजी में लिखा था, मुझे अमेजॉन गिफ्ट कार्ड की जरूरत है लेकिन मैं अभी जरूरी मीटिंग में व्यस्त हूं। यदि आप गिफ्टकार्ड खरीदते हैं तो मैं आपको डिटेल भेज दूं। शाम के अंत तक मैं आपके पैसे लौटा दूंगा। प्रोफेसर को अंजान नंबर होने और कुलपति की डीपी लगी होने के कारण संदेह हुआ और उन्होंने अन्य साथियों से इसकी चर्चा की। इसी दौरान कई अन्य शिक्षकों को भी यही मैसेज मिलने लगा था। कुलपति कार्यालय से बताया गया कि कोई साइबर फ्रॉड करने की कोशिश कर रहा है। इसे सभी लोग नजरअंदाज करें और व्हाट्सएप को रिपोर्ट करें।
पहले भी आते रहे हैं व्हाट्सएप मैसेज
इसी वर्ष जनवरी महीने में कुलसचिव विशेश्वर प्रसाद की व्हाट्सएप डीपी लगाकर कई शिक्षकों से अर्जेंट में पैसे मांगने का मामला प्रकाश में आया था। उसके बाद फरवरी महीने में कुलपति प्रो. राजेश सिंह की डीपी लगाकर जालसाजों ने शिक्षकों से रकम की मांग की थी। कुलपति के नाम पर रुपये मांगे जाने के मामले मे विवि प्रशासन द्वारा कैंट थाने में केस भी दर्ज कराया गया था।
डीडीयू के कुलसचिव विश्वेश्वर प्रसाद ने इस मामले में सभी शिक्षकों को आगाह किया गया है कि किसी के झांसे में न आएं। कैंट थाने और साइबर सेल में इसकी शिकायत कर अविलंब कार्रवाई का अनुरोध किया गया है।